गणपति प्रवरः
चतुस्सागर पर्यस्तं गोब्राह्मणेभ्य श्शुभं भवतु
सद्योजात, वामदेव, अघोर, तत्पुरुष, ईशान पंचार्षेय प्रवरान्वित परशिव गोत्रोद्भवस्य,
सदाशिव शर्मणी नप्त्रे,
ईश्वर शर्मणः पौत्राय,
शिवशर्मणः पुत्राय,
त्रिभुवनाधीश्वराय! सुरार्चित पादपद्मयुगळाय सकल विघ्न निवारकाय श्री विघ्नेश्वराय वराय||
बुद्धिसिद्धि प्रवरः
चतुस्सागर पर्यन्तं गोब्राह्मणेभ्यश्शुभं भवतु|
काश्यप, आवत्सार, नैधृव त्र्यार्षेय प्रवरान्वित त्रिकूट हिमाचल मैनाकाचल त्रिपुरुषान्वित अचल गोत्रोद्भवस्य
त्रिकूटाचल शर्मणः नप्रीं|
हिमाचल शर्मणः पौत्रीं!
मैनाकाचल शर्मणः पुत्रीं|
श्री बुद्धिसिद्धि नाम्नीं कन्यां!
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